जब आप कोई computer या laptop खरीदते हैं, तो सबसे पहले आपको उस पर Operating system install करना होता है। अब हो क्या रहा है कि, जब आप Online या offline लैपटॉप खरीद रहे होते हैं तो उसमें operating system पहले से ही इंस्टॉल हुआ होता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम को आमतौर पर system software कहा जाता है। यह कंप्यूटर को स्टार्ट करने में मदद करता है। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि उपयोगकर्ता कंप्यूटर पर इंस्टॉल किए गए Application software जैसे Photoshop, Microsoft Office, Media player आदि का ठीक से उपयोग कर सके।
क्या आप जानते हैं कि, आखिर ये ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है (operating system in Hindi)? अगर आप नहीं जानते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है। इस लेख में हमने ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है (what is operating system in Hindi), ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार, ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषताएं, कार्य, और इसके उदाहरण में बारे में जानेगे। तो चलिए बिना देरी किये सुरु करते हे।
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? (What is Operating System in Hindi)
Operating System को resource manager भी कहा जाता है। क्योंकि यह सभी हार्डवेयर डिवाइस जैसे CPU, RAM, hard drive, motherboard, Monitor आदि को मैनेज करने का काम करता है और साथ ही कई तरह के application software और device drivers को भी मैनेज करता है। इसलिए इसे system software कहा जाता है।
आप सभी मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर का इस्तेमाल तो करते ही होंगे। इन सभी उपकरणों को संचालित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सॉफ्टवेयर विभिन्न प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम होते हे। ये operating system उपयोगकर्ता और डिवाइस के हार्डवेयर के बीच संबंध बनाते हैं। तभी कंप्यूटर को यूजर आसानी से चला पाता है।
आम तौर पर, ऑपरेटिंग सिस्टम Input device के माध्यम से किसी प्रकार के instruction इनपुट लेते है और CPU द्वारा उस instruction को प्रोसेस करते है। उसके बाद, उस इंस्ट्रक्शन का परिणाम निकालके डिस्प्ले स्क्रीन में output के रूप में प्रदर्शित करता है।
Operating System का इतिहास
साल (1940-1950) जब पहला कंप्यूटर जारी किया गया था, तो यह एक calculator का सारा काम करता था। इसमें किसी ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया गया था। प्रोग्रामिंग के लिए इसे मशीनी भाषा में ही संचालित किया जाता था। कंप्यूटर के मूलभूत कार्यों को संचालित करने के लिए इसमें plugboard का प्रयोग किया जाता था।
पहला ऑपरेटिंग सिस्टम 1956 में General Motors Research Division के द्वारा विकसित किया गया था। मूल रूप से, इसे IBM 704 को संचालित करने के लिए बनाया गया था। उस समय प्रत्येक विक्रेता ने कंप्यूटर के लिए एक या अधिक ऑपरेटिंग सिस्टम का produce करना चालू कर दिए थे।
1960 के दशक के अंत में AT&T Labs में Unix नामक एक operating system विकसित किया गया था। इसे Ken Thompson के द्वारा डिजाइन किया गया था। इस ऑपरेटिंग सिस्टम की सबसे अच्छी बात यह थी कि यह multitasking और multi-user था। इसलिए, उस समय विभिन्न कंप्यूटिंग प्रणालियों में Unix का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता था।
उसके बाद 1981 में Microsoft द्वारा पहला ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित किया गया। इसका नाम MS-DOS रखा गया। IBM के कंप्यूटर के Specification को देखकर Microsoft ने अपना OS बनाया था।
1985 में graphical user interface डिज़ाइन किया गया और इसे MS-DOS के साथ मिला दिया गया था। तब इसका नाम Window रखा गया। आज के समय में कई प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम उपलब्ध हैं, जैसे Microsoft Windows, Linux, Mac OS, Android आदि।
Operating System का उदाहरण
बाजार में कई ऑपरेटिंग सिस्टम उपलब्ध हैं। कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम का उदाहरण निचे दिए गए है।
- Microsoft Windows
- Linux
- Android
- Mac OS
- Chrome OS
- ISO
ऑपरेटिंग सिस्टम के उपयोग | Uses of Operating System in Hindi
ऑपरेटिंग सिस्टम को इसलिए बनाया गया हे ताकि कंप्यूटर के हार्डवेयर और यूजर के बिच एक interface बनाया जा सके। जिससे यूजर आसानी से कंप्यूटर को उपयोग कर पाए।
हम सभी जानते हे की कंप्यूटर एक मशीन है और मशीन को इन्शान की भाषा समझ नहीं आती। कंप्यूटर आमतौरपर machine language ही समझता हे। इसलिए इंसानो की भाषा को machine language में और मशीन लैंग्वेज को इंसान की भाषा में परिबर्तित करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता हे।
हर प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे laptop, computer, smart phone, smart TV, tablet, new car अदि में किसीना किसी प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम इंसटाल होते हे। जो उस डिवाइस को चलने और यूजर के साथ इंटरैक्ट करने में मदत कराता हे।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य | Functions of the Operating System in Hindi
ऑपरेटिंग सिस्टम के कई महत्वपूर्ण कार्य होते है। उनमे से कुछ नीचे उल्लेख किया गया है।
Booting
कंप्यूटर को चालू करने की प्रक्रिया को बूटिंग कहा जाता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण कार्य होता हे। यह कंप्यूटर में लगे सभी डिवाइस को जांचता है कि वो सभी ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं।
पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम को बूट होने में समय लगता था। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, कंप्यूटर के hardware and software अपग्रेड होने लगे। इसलिए आज के समय में कंप्यूटर को बूट होने में समय नहीं लगता है।
Memory Management
कंप्यूटर में 2 प्रकार की मेमोरी होती है। पहली primary memory और दूसरी secondary memory होती है। RAM और ROM को primary memory माना जाता है। Secondary memory के अन्तरगत hard drive, CD/DVD, floppy drive, SSD आदि आते हैं।
इन् सारी मेमोरी ऑपरेटिंग सिस्टम के निर्देशों के अनुसार काम करती है। यह पूरी बात का भी हिसाब रखता है कि कंप्यूटर किस प्रोग्राम को प्रोसेस कर रहा है और प्रोग्राम के execute होने के बाद उस डेटा को कहां स्टोर किया जाएगा। अगर ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं होता तो इन सभी मेमोरी को मैनेज करना आसान नहीं होता।
Processing and Executing Programs
आम तौर पर, program को लोड करने का एकमात्र तरीका कंप्यूटर को चालू करना है। क्योंकि ऑपरेटिंग सिस्टम में कई default programs होते हैं। operating system शुरू होते ही वे सभी प्रोग्राम काम करना शुरू कर देते हैं।
यह मेमोरी में स्टोर प्रोग्राम को आसानी से लोड और प्रोसेस करता है। यह प्रोग्राम से परिणाम निकालता है तभी उस प्रोग्राम को निष्पादित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम के ये processing and execution कार्य प्रोसेसर को आसानी से काम करने में मदद करते हैं।
Data security
डेटा को सुरक्षा देना ऑपरेटिंग सिस्टम का एक बड़ा हिस्सा है। Password की आवश्यकता तभी होती है जब आप कंप्यूटर चालू करते हैं। जो कंप्यूटर को unauthorized access से बचाता है।
कंप्यूटर में संग्रहीत डेटा की सुरक्षा के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम firewall का उपयोग करता है। हालाँकि, firewall एक सुरक्षा प्रणाली है जो कंप्यूटर पर होने वाली गतिविधि पर नज़र रखती है। अगर कंप्यूटर में कोई खतरा होता है तो वह उस चीज को block कर देता है।
Device Management
कंप्यूटर में कई Device Driver का उपयोग किया जाता है। सभी ड्राइवर input और output डिवाइस के लिए उपयोग किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, graphics driver, USB driver, Bluetooth driver, sound driver, आदि। जिस प्रोग्राम के द्वारा इन ड्राइवरों को नियंत्रित किया जाता है, उसे IO controller कहा जाता है।
अगर कंप्यूटर से प्रिंट कमांड दिया जाता है तो यह IO कंट्रोलर यह पता करता है कि कंप्यूटर में प्रिंटर डिवाइस installed है या नहीं, इसके बाद अगर यह इंस्टॉल होता है तो इसे प्रिंट कर देता है। इसे प्रिंट करने के बाद उस कमांड को हटा देता हे। इस प्रक्रिया में, ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) उन उपकरणों का manage करता है जो कंप्यूटर से जुड़े हुए होते हैं।
Disk Management
ऑपरेटिंग सिस्टम disk space का प्रबंधन भी करता है। यह folders और data को डिस्क पर sequence रूप से रखता है। ताकि यूजर को कंप्यूटर चलाते समय उस डाटा या फोल्डर को खोजने में आसानी हो।
यह disk से डिलीट हुई फाइल्स की image अपने अंदर रखता है ताकि जरूरत पड़ने पर फाइल को recover किया जा सके।
System Performance
एक अन्य महत्वपूर्ण भमिका system performance है। ऑपरेटिंग सिस्टम हर बार सिस्टम के performance की जांच करता रहता है और इसके performance को बेहतर बनाने की कोशिश करता है। यह किसी कार्य को processing and executing करने में प्रोसेसर की गति को संदर्भित करता है। साथ ही हर समय चेक करता रहता है कि सभी drivers ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं।
Process Management
आज जो प्रोसेसर आता है वह multitasking कार्य करने में सक्षम होता है। यह एक साथ कई कार्यों को प्रोसेस करके execute करता है। कुल मिलाकर ऑपरेटिंग सिस्टम सभी कार्य को ठीक से व्यवस्थित करता है और उस कार्य को संसाधित करने के लिए प्रोसेसर को देता है। इसमें यह traffic controller की तरह काम करता है।
Providing Interface
ऑपरेटिंग सिस्टम उपयोगकर्ता को कंप्यूटर चलाने में मदद करता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि एक उपयोगकर्ता कंप्यूटर का उपयोग आसानी से कर सके। पहले के ऑपरेटिंग सिस्टम command-line interface के साथ आते थे। जिसमें कोई भी task करना होता है तो उसके लिए प्रोग्राम लिखनी होती है। सभी अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग प्रोग्राम लिखने पड़ते थे।
लेकिन मौजूदा ऑपरेटिंग सिस्टम को इस्तेमाल करना बहुत आसान हो गया है। क्योंकि यह एक graphical user interface के साथ आता है। यहाँ मेनू, आइकन और बटन सभी का उपयोग किया जाता है। इसमें कमांड की जगह माउस और केबोरड़ का प्रयोग किया जाता है। माउस पर क्लिक करने और केबोरड़ में टाइप करने से कमांड प्रक्रिया आसान हो जाती है। Graphical user interface कंप्यूटर को user friendly बनाता है, इसलिए यह बेहतर है।
ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषताएं (Features of Operating System in Hindi)
- मौजूदा ऑपरेटिंग सिस्टम को इस तरह से बनाया जाते हे कि यूजर इसे आसानी से इस्तेमाल कर सके। इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम को Graphical user interface कहा जाता है।
- यह कंप्यूटर में स्थापित सभी input/output device और आंतरिक उपकरणों को नियंत्रित करता है। जिसे यूजर आसानी से सभी डिवाइस में इस्तेमाल कर पाता है।
- यह Primary और Secondary memory जैसी सभी मेमोरी को मैनेज करता है और डेटा को क्रम में स्टोर करता है। जिससे यूजर को कंप्यूटर में किसी प्रकार की फाइल को ढूंढ़ने में आसानी होती हे।
- ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर में स्थापित सभी उपकरणों पर नज़र रखता है और विशेष रूप से CPU के काम पर नज़र रखता है। यह CPU के प्रोसेसिंग टाइम को बेहतर बनाने की कोशिश करता है।
- OS कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच संचार बनाता है और विभिन्न सॉफ्टवेयर के माध्यम से कंप्यूटर को संचालित करता है।
- यह firewall की मदद से सिस्टम में होने वाली समस्या का पता लगाता है। Firewall पहले उस problem को Solve करने की कोशिश करता है, अगर वो नहीं कर पाता है तो उस प्रॉब्लम को block कर देता है।
5 Popular Operating System
आज की पीढ़ी में कई ऑपरेटिंग सिस्टम का डेवेलोप हो चुके हैं। इसमें से कुछ ही लोकप्रिय हुए और उपयोगकर्ता को उत्कृष्ट सेवा प्रदान कर सके। आइए उन ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में बात करते हैं।
Window
यह दुनिया में सबसे लोकप्रिय और सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला OS है। इसके कई वर्जन लंच हो चुके हैं। उदाहरण: Windows NT, Windows 98, Window 2000, Windows XP, Windows 2003, Windows Vista, Windows 7, Windows 8, Windows 8.1, Windows 10, और Windows 11, आदि।
इसमें से Window 11 latest version है। मोबाइल फोन में Window OS भी लॉन्च किया गया था लेकिन यह ठीक से यूजर फ्रेंडली नहीं हो सका। इसलिए इसका कोई अपडेट वर्शन नहीं आया और धीरे धीरे बंद हो गया।
MacOS
MacOS का उपयोग आमतौर पर Apple कंप्यूटर और लैपटॉप पर उपयोग किया जाता है। यह विंडोज के बाद दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला OS है। इसे 1984 में विकसित किया गया था।
Linux
Linux एक फ्री ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसका ज्यादातर इस्तेमाल सर्वर कंप्यूटर बनाने के लिए किया जाता है ताकि सर्वर को आसानी से इस्तेमाल किया जा सके। इसका एक खाश बात हे की, यह Virus मुक्त ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसमें वायरस सपोर्ट नहीं करता। लोकप्रिय Linux OS में MX Linux, Manjaro, Linux Mint, Ubuntu, Debian, Elementary OS, Solus, Fedora, आदि हैं।
Android
आजकल इस Android का इस्तेमाल ज्यादातर Mobile Phones में किया जाता है। Android ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत ही लोकप्रिय है और मोबाइल फोन के सभी operating system में सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। यह लिनक्स कर्नेल और अन्य ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर द्वारा डिज़ाइन किया गया एक मोबाइल OS है।
Android को टचस्क्रीन मोबाइल के लिए बनाया गया है। यह Google द्वारा व्यावसायिक रूप से प्रायोजित है। इस वजह से, Google के सभी उत्पाद Android ऑपरेटिंग सिस्टम में इनबिल्ट होते हैं।
Symbian OS
Symbian एक मोबाइल OS है। यह दुनिया का नंबर 1 मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम था। लेकिन जब से Android का इस्तेमाल बढ़ने लगा तो इसका क्रेज कम होने लगा। Symbian OS को 2014 में बंद कर दिया गया था। इसका इस्तेमाल ज्यादातर कीपैड बाले Nokia मोबाइल्स में किया जाता था।
ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार | Types of operating system in Hindi
ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे जैसे अपग्रेड होता गया वैसे वैसे इसके कार्य के अनुशार इसको बाट दिया गया। वैसे तो ऑपरेटिंग सिस्टम के बहुत से प्रकार के है मगर इस लेख में हम types of operating system in Hindi के बारे में जानेगे।
Batch operating system in hindi
Batch operating system का ये मतलब होता हे की सामान जॉब को एकत्रित करके उसे एक बैच बनाया जाता हे और उसे एक साथ एक्सेक्यूटे करना होता है। इस प्रकार के OS को पहले ज़माने मेंइस्तेमाल किया जाता था।
Time sharing operating system in hindi
इस टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में, प्रत्येक कार्य को उसके विशेष समय में सटीक रूप से निष्पादित किया जा सकता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में किसी कार्य को सही तरीके से पूरा करने के लिए एक विशेष समय दिया जाता है। इससे Multi Tasking Operating System भी कहा जाता है।
Distributed operating system in hindi
डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम में बहुत सारे कंप्यूटर sharing network से आपस में जुड़े हुए होते हे। उन सभी के आपस में जुड़े होने के कारण Remote access किया जा सकता हे। इससे यूजर को एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम को एक्सेस करने का फायदा मिलता हे।
Embedded operating system in hindi
इस ऑपरेटिंग सिस्टम को एक विशेष कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे कंप्यूटर या मोबाइल पर चलाने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है। उदाहरण स्वरुप कपड़े धोने का काम washing machine करती है। इसे अन्य काम करने के लिए दिया जाये तो यह नहीं कर पायेगा। ये एक बार शुरू होने के बाद, अपना काम खत्म करने के बाद ही रुकता है। ऐसे इलेक्ट्रॉनिक मशीन Embedded operating system इस्तेमाल होते है।
Real time operating system in hindi
रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किसी रियल टाइम प्रोसेस को करने में किया जाता हे। इसमें किसी प्रकार की गलती और देरी की गुंजाईश नहीं रहता। उदाहरण: Nuclear Deterrence, Traffic Signal Controlling, Railway Ticket Booking, Launching of Satellites इत्यादि।
FAQ
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है?
ऑपरेटिंग सिस्टम एक सॉफ्टवेयर होते है, जिसे हम सिस्टम सॉफ्टवेयर के नाम से जानते है। ये कंप्यूटर में होने बाले हार्डवेयर और यूजर के बिच एक इंटरफ़ेस बन के काम करता हे।
ऑपरेटिंग सिस्टम कितने प्रकार के होते है?
ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत से प्रकार के है। मगर कुछ मुख्या ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम Batch operating system, Time sharing operating system, Distributed operating system, Embedded operating system, Real time operating system है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण
ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरणों में Microsoft का Windows, Apple का macOS, Apple iOS, Google का Android, Linux और Symbian OS शामिल हैं।
OS का फुल फॉर्म क्या है?
OS का फुल फॉर्म Operating System है।
आप क्या सीखे
विद्यार्थियों के लिए आज का यह लेख बहुत ही महत्वपूर्ण था। मुझे उम्मीद है कि यदि आपकी परीक्षा में ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है (What is operating system in hindi) और इसके प्रकार के बारे में कोई प्रश्न पूछा जाता है, तो आप सभी इसका उत्तर आसानी से दे सकते हैं।
इसके अलावा आपने देखा होगा कि कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में इस ऑपरेटिंग सिस्टम का कितना महत्व है। इनके अलावा कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट आदि नहीं चल सकता है।
आसा करता हु की आप इस लेख को पढ़के ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी हासिल किये होंगे। अगर आपके मन में किसी प्रकार की डाउट हे तो आप हमें बता सकते हे। हम आपकी डाउट को सोल्वे करने की पूरी कोसिस करेंगे।